
सहारनपुर से कांग्रेस के लोकसभा सांसद इमरान मसूद की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं। गाजियाबाद स्थित सीबीआई और ईडी कोर्ट ने शुक्रवार को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई 2007 में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष रहते हुए कथित 40 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में की गई है कोर्ट ने इमरान मसूद की आरोपमुक्ति याचिका को खारिज करते हुए उन्हें 18 जुलाई 2025 को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। अदालत ने माना कि मसूद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं।
आरोप है कि इमरान मसूद ने 2007 में सहारनपुर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के तौर पर फर्जी एफडीआर बनवाकर परिषद के खाते से अवैध रूप से 40 लाख रुपये निकाले। बाद में इन पैसों का उपयोग निजी संपत्ति खरीदने में किया गया। मसूद की लगातार अनुपस्थिति और स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता से नाराज कोर्ट ने गाजियाबाद पुलिस आयुक्त के माध्यम से वारंट तामील कराने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को निर्धारित है, जिसमें मसूद की पेशी और आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इमरान मसूद कांग्रेस के एक प्रमुख मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं। वे सहारनपुर से वर्तमान लोकसभा सांसद हैं। 2024 के आम चुनावों में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राघव लखनपाल को हराकर जीत दर्ज की थी। इससे पहले वह मुजफ्फराबाद से विधायक और शहर नगर पालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं।